एजेंटस, हमने आपसे वादा किया था हम कि सेक्स एजुकेशन को सेक्सी बनाकर पेश करेंगे । इसलिए हमारे परम-पूज्य ऑर्गॅज़म को लेकर अगर आपके मन में कोई भी कम-फ्यूज़न है, तो यहां है, सभी तालों की कुंजी! क्या, कब, कहां, कैसे, ऐसे-वैसे... बोले तो सब कुछ!
कम-फ्यूज़न # 1: ऑर्गॅज़म आख़िर होता क्या है?
ऑर्गॅज़म (मतलब कि चरम सुख या उन्माद या कमिंग) सेक्सुअल आनंद से मिलने वाला एक शारीरिक अनुभव है । उत्तेजना के दौरान जो मांशपेशियां कस जाती हैं, ऑर्गॅज़म के समय वो एक लय में फैलती- सिकुड़ती हैं। और हमेशा तो नहीं, पर कभी-कभी उसके साथ स्त्राव (स्खलन/ejaculation) भी होता है। साथ ही साथ शरीर का तनाव भी निकल जाता है।
मोटे तौर पर बोलें तो, ऑर्गॅज़म के 4 चरण होते हैं:
- उकसाहट / Excitement
- मांशपेशियों में कसाव/ Plateau
- ऑर्गॅज़म/ Orgasm
- नार्मल में वापसी/ Resolution
- सेक्स फ्लश: करीब 50-75 प्रतिशत योनी वाले लोग सेक्स फ्लश( चेहरे, गालों और स्तनों का रंग गहरा होना, उनमें गर्मी आना) महसूस करते हैं| दूसरी तरफ़ लिंग वाले लोगों में से केवल पच्चीस प्रतिशत लोग ही सेक्स फ्लश महसूस करते हैं |
- गीलापन: योनि के गीलेपन की वजह से, योनि के ऊपर मौजूद स्कीन ग्रंथियों/skene glands से, एक दूधिया, गीला पदार्थ निकलता है l लिंग/पीनिस में इस तरह के गीलेपन को ‘प्री-कम’ कहते हैं| जिसका आना, चरम सुख महसूस करने की पहले सीढ़ी चढ़ने जैसा होता है |
- पेड़ू के पूरे हिस्से का कंपकपाना: चरम सुख के दौरान मसल्स रिलैक्स होते हैं, जिनके कारण अपने आप ही पेड़ू का पूरा हिस्सा कंपकंपाता है | यह हर सेक्स के इंसान में होता है| सिर्फ़ कुछ सेकंड के लिए |
- एजैकुलेशन यानि वीर्य स्खलन: एजैकुलेशन लिंग से सफ़ेद पानी जैसे पदार्थ को निकलने को कहा जाता है| सेक्स शोधकर्ता अल्फ्रेड किन्से ने पता लगाया था कि एजैकुलेशन या वीर्य दो इंच से लेकर दो फ़ीट तक स्खलित हो सकता है |
- फुहार मारना/ squirting : कभी कभी योनि फुहार मारती है| योनि से मूत्र (जो बिल्कुल मूत्र की तरह न दिखता है, ने वैसी बू देता है )और पारा - यूथेरल ग्रंथि से निकला सफ़ेद तरल पदार्थ, मिलके, फुहार मारता हुआ निकलता है |